Friday, 7 December 2018
Thursday, 6 December 2018
Hyperthyroidism
थाइराइड ग्रंथि से थाइराइड हार्मोन पैदा होता है। थाइराइड की स्थिति में जब थाइराइड हार्मोन अधिक बनता है तो उस स्थिति को हाइपर-थाइरॉइडिस्म कहा जाता है।
हाइपरथायरायडिज्म वह स्थिति है जो थायराइड ग्रंथि द्वारा थायरॉइड हार्मोन के अत्यधिक उत्पादन के कारण होती है ।लक्षण आमतौर पर पुराने और pregnancy के दौरान कम होते हैं।
महिलाओं को ज्यादा रहती है थाइराइड की समस्या। वजन का बढ़ना,अवसाद आदि होते है इसके लक्षण।ये शरीर मे आयोडीन की कमी से भी हो सकता है।
हाइपरथाइरोइडिज़्म के लक्षण धीमे शुरु होते हैं, इनमें:
वजन में गिरावटअत्यधिक पसीना आना
नीद में बाधा या इनसोम्निया
चिढ़चिढ़ापन अथवा निराशा
मांसपेशियों की कमजोरी
अनियमित, हलकी माहवारी
थाइरोइड ग्रंथि का बड़ा होना
दिखाई देने में परेशानी या फूली आँखें
गर्मी के प्रति संवेदनशीलता
तेज या अनियमित हृदयगति
कमजोर, भुरभुरी हड्डियाँ या ओस्टियोपोरोसिस
बाल झड़ना
शौच की अधिकता
हाइपरथाइरोइडिज़्म के कई कारण हैं, जिनमें
आयोडीन का अत्यधिक सेवनथाइरोइड ग्रंथि और पीयूष ग्रंथि (पिट्यूटरी) की कैंसरविहीन वृद्धि
टीएसएच का असामान्य स्राव
hyperthyroidism के अन्य कारणों में:-
multinodular goiter,toxic adenoma,
inflammation of the thyroid,
eating too much iodine,
and too much synthetic thyroid hormone
है।
diagnosis or pathology पर लक्षणों और लक्षणों के आधार पर संदेह हो सकता है , blood test साथ पुष्टि की जा सकती है।
आम तौर पर blood test में:
low thyroid stimulating hormone (TSH)और raised T3 or T4 होती है।
3 main treatment options:-
1- radioiodine therapy,2-medications,
3- thyroid surgery.
Tuesday, 4 December 2018
Thyroid hormone
थाइराइड ग्रंथि से thyroid hormone पैदा होता है। यह gland शरीर की हर cell, body organ और tissue पर प्रभाव डालती है। साथ ही साथ, यह शरीर का तापमान, शरीर का वजन, heart rate, digestion, ऊर्जा सबको नियंत्रित करती है।
यह gland Tetraiodothyronine ( T4) और Triiodothyronine (T3) बनाती है, जो दो प्राथमिक हार्मोन हैं।
hyperthyroidism आपके शरीर की Metabolism में तेजी ला सकता है, जिससे अचानक वजन घटना, तेज़ या अनियमित दिल की धड़कन, पसीना आना और घबराहट या चिड़चिड़ापन हो सकते हैं। hyperthyroidism का सबसे आम कारण ग्रेव्स बीमारी, male की तुलना में female में अधिक प्रचलित है।
थायराइड के प्रकार -
थाइराइड की स्थिति में जब बनता है तो उस स्थिति को hyperthyroidism कहा जाता है
थाइराइड की स्थिति में thyroid hormone(थाइरॉक्सिन) ज्यादा पैदा करती है।यह gland Tetraiodothyronine ( T4) और Triiodothyronine (T3) बनाती है, जो दो प्राथमिक हार्मोन हैं।
थायरॉयड ग्रंथि इन हार्मोनों के रिलीज के माध्यम से आपके चयापचय (Metabolism) को नियंत्रित करती है।
थायरॉयड तब बढ़ता है जब थायरॉयड ग्रंथि T4, T3 या दोनों हार्मोन बहुत ज़्यादा बनाती है।
hyperthyroidism आपके शरीर की Metabolism में तेजी ला सकता है, जिससे अचानक वजन घटना, तेज़ या अनियमित दिल की धड़कन, पसीना आना और घबराहट या चिड़चिड़ापन हो सकते हैं। hyperthyroidism का सबसे आम कारण ग्रेव्स बीमारी, male की तुलना में female में अधिक प्रचलित है।
थायराइड के प्रकार -
1:- Hypothyroidism; थायराइड कम होना
2:- Hyperthyroidism; थायराइड बढ़ना
Sunday, 2 December 2018
एक चम्मच नमक फायदे
जिस तरह से चीनी भी मिठास के साथ आपको नुकसान पहुंचाती है, वैसे ही नमक भी आपके लिए घतक होता है। खास तौर से सफेद नमक तो बेहद नुकसानदायक है।
रक्तचाप का सीधा संबंध नमक से होता है। इसका अधिक सेवन भी रक्तचाप के लिहाज से नुकसानदायक है और कम सेवन भी। बहुत ज्यादा नमक खाने से नसों को नुकसान होता है, इससे यूरिक एसिड बढ़ जाता है और यूरीन में एल्ब्यूमिन आने लगता है। जिससे ब्लड प्रेशर के बढ़ने की आशंका होती है।
जो जितना ज्यादा सोडियम का सेवन करता है उनमें उतना ही अधिक यूरिक एसिड व एल्ब्यूमिन समय के साथ बढ़ता है।
क्या आप जानते हैं कि नमक सिर्फ खाने में स्वाद ही नहीं बढ़ाता बल्कि हमारी हड्डियों, पसीने और आंसू में भी नमक होता है। नमक सेहत के साथ भी वही करता है जो स्वाद के साथ। जब नमक की मात्रा हमारे शरीर में आवश्यकता से अधिक हो जाती है तो यह हमारे लिए जानलेवा हो जाता है। हड्डियों के लिए नमक अति आवश्यक है क्योंकि नमक में आयोडीन होता है, जो हमारी हड्डियों को ताकत देता है। लेकिन खाने में नमक की अधिकता से टखने में सूजन और मोटापे की समस्या बढ़ती है। इसके कारण हड्डियां पतली होने लगती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी बढ़ जाता है।
ज्यादा नमक खाने से ब्लड में आयरन की मात्रा कम हो जाने से पेट में एसिडिटी बढ़ जाती है। इससे भूख नहीं लगने पर भी भूख का एहसास होता है। जिससे ज्यादा कैलोरी शरीर में जाती है और हम मोटापे का शिकार हो जाते है।
अधिक नमक खाने से हाइपरटेंशन और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है। और लगातार हाइपरटेंशन के बने रहने से हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी की बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती हैं।
खाने में नमक की अधिक मात्रा से शरीर की कोशिकाओं का क्षय होता है और आप समय से पहले ही बूढ़े हो जाते हैं। जबकि खाने में नमक की कम मात्रा कोशिकाओं की एजिंग प्रोसेस को धीमी कर देती है।
अपने भोजन में अधिक नमक खाने वाले लोग थोड़ा सावधान हो जाएं क्योंकि उनकी यह आदत उन्हें गुर्दे की पथरी जैसी खतरनाक बीमारी का शिकार बना सकती है।
नमक कई प्रकार के होते हैं: सेंधा नमक (पहाड़ी नमक), समुद्री नमक, काला नमक, सामान्य नमक आदि।
गले में खराश कई कारणों की वजह से हो सकती है जैसे आम सर्दी, ड्राई एयर, अत्यधिक चिल्लाना या गले के संक्रमण आदि, किंतु नमक के साथ इसका इलाज किया जा सकता है।
अगर आपके पैरो की उंगलियों, एड़ी, टखने में दर्द हो रहा है तो आप नमक के साथ इस प्रकार के दर्द को कम कर सकते हैं। साल्ट थके हुए पैरों को भी शांत करने मदद करता है।
साल्ट भी एक बहुत अच्छा टूथपेस्ट का विकल्प है, जो आप अपने दांतों को साफ और बैक्टीरिया से मुक्त रखने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
नमक आमतौर से हमारे खाने में इस्तेमाल होता है। पर क्या आप जानते हैं कि नमक केवल हमारे भोजन के लिए ही नहीं परंतु हमारी त्वचा और चेहरे के लिए भी बहुत उपयोगी है।
बिना उबले दूध को चेहरे पर लगाकर सूखने दें। फिर नमक से धीरे-धीरे चेहरे को रगड़ें ताकि दूध उतर जाए। इससे आपका चेहरा एकदम से दमक जाएगा।
दस्त होने पर नमक कोग्लूकोज पानी में घोलकर बार-बार पिलाते रहने से शरीर में पानी की कमी नहीं आती!
Saturday, 1 December 2018
सेब फल स्वास्थ्य जागरूक
सेब
स्वादिष्ट , पौष्टिक और एक मुट्ठी भी डॉक्टर को दूर रखने में मदद कर सकते हैं ! सेब केवल स्वादिष्ट ही नहीं होता है।इसके अंदर कई सारे तत्व भी मौजूद होते हैं। जो हमारे शरीर को पोषण प्रदान करते हैं। शरीर के अंदर आवश्यक पदार्थें की भी पूर्ति करते हैं।
एनिमिया के अंदर इंसान मे खून की कमी हो जाती है। और शरीर के अंदर खून नहीं बनता है। हिमोग्लोबिन की भी कमी आ जाती है। सेब के अंदर आयरन होता है। जिससे बोड़ी के अंदर हिमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ जाएगी । यदि रोज सेब खा नहीं सकते तो सप्ताह के अंदर एक बार अवश्य खाएं ।
सेब हर्ट के लिए भी काफी फायदे मंद है। हर्ट मे oxidation से होने वाली क्षति को कम करता है। यह शरीर के अंदर कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा को कंट्रोल करता है। यह शुगर की मात्रा को भी कम करता है हर्ट के अंदर अच्छे से खून का प्रवाह बनाए रखने के लिए भी सेब फायदे मंद है।
आपका वजन तेजी से बढ़ रहा है। तो आपको रोजाना सेब का सेवन करना चाहिए । जिससे आपका वजन कम होगा ।
सेब का सेवन करने से अल्जाइमर रोग होने की संभावना कम हो जाती है। और यादाश्त भी अच्छी बनी रहती है। यह दिमागी कोशिकाओं को स्वस्थ बनाता है। और दिमाग के अंदर खून का प्रवाह सही करता है।
प्रतिदिन सेब का सेवन करने पाचन सही से होता है। और खून भी शरीर के अंदर सही तरह से दौरा करता है।
सेब इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है, सेब शरीर के अंदर पाए जाने वाले बैक्टिरिया को खत्म करता है। सेब के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का गुण भी पाया जाता है ।
सेब के अंदर विटामिन ए पाया जाता है। जो आंखों की रोशनी को बढ़ाने मे मददगार है। जिन लोगों की आंखों की रोशनी कमजोर हो चुकी हैं। उनको सेब का सेवन करना चाहिए ।
यह कई स्वास्थ्य संबंधी समस्या जैसे हृदय रोग, पेट खराब, लिवर का विकार, कब्ज, एनीमिया और शुगर की रोकथाम करने में मदद करता है। यह आंख की समस्या, विभिन्न प्रकार के कैंसर, गठिया, अल्जाइमर रोग और पार्किंसंस रोग के जोखिम को भी कम करता है।
सेब दांत और त्वचा की देखभाल में भी सहायता करता है। सेब फैट फ्री, सोडियम फ्री, और कोलेस्ट्रॉल फ्री होता है। सेब में एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर, विटामिन सी, और विटामिन बी पाया जाता है जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
सुबह के समय में सेब खाना सबसे फायदेमंद होता है क्योंकि सेब फाइबर और पेक्टिन में समृद्ध होते हैं। अधिकतर लोगों को अनुचित नींद या देरी से खाना खाने की आदतों के कारण पाचन की समस्याएं होती हैं। इसलिए सुबह के वक़्त सेब खाने से आपका पाचन तंत्र बेहतर रहता है।
Thursday, 29 November 2018
Lumber Punctures
Lumbar puncture,
also known as a spinal tap, is a medical procedure in which a needle is inserted into the spinal canal, most commonly to collect cerebrospinal fluid for diagnostic testing.A lumbar puncture (spinal tap) is performed in your lower back, in the lumbar region. During a lumbar puncture, a needle is inserted between two lumbar bones (vertebrae) to remove a sample of cerebrospinal fluid. This is the fluid that surrounds your brain and spinal cord to protect them from injury.
It is done between lumber3 and lumber4 vertebra
take a sample of fluid from your spinal cord (cerebrospinal fluid) or measure the fluid's pressure – to help diagnose a condition.remove some fluid to reduce pressure in the skull or spine.
The CSF contains glucose (sugar), proteins, and other substances found in the . An examination of the fluid will show the number and types of white , the level of glucose, the types and levels of proteins, and the presence of bacteria, fungi, or abnormal cells.
testing the CSF can help in the diagnosis of disorders of the chronic inflammatory demyelinating polyneuropathy, central that may involve the , spinal cord, or their coverings (the meninges). , , -Barre syndrome, or of unknown origin are a few examples.
शहद के फायदे और गुण
सेहत और खूबसूरती के लिए वरदान है शहद:-
स्वस्थ शरीर के लिए शहद बहुत ही लाभकारी होता है।
औषधी के साथ-साथ सौंदर्य प्रसाधन
में इस्तेमाल होता है शहद।
यह कमाल के गुणों से भरपूर है, शहद बच्चों से लेकर बूढों तक सभी के लिये अच्छा होता है। इसमें
CARBOHYDRATES
PROTEIN
VITAMIN B
VITAMIN C
IRON
MAGNESIUM CALCIUM
PHOSPHORUS
POTASSIUM
SODIUM
आदि गुणकारी तत्व होते हैं।
आयुर्वेद में भी ऐसी मान्यता है कि अलग-अलग स्थानों पर लगने वाले छत्तों के शहद के गुण अलग-अलग होते हैं। अगर आप प्रकृतिक तरीके से उपने स्वावस्थ्य और त्वचा की देखभाल करना चाहते हैं तो आपके लिए शहद कामाल की चाज है।
शहद में ग्लूकोज पाया जाता है। साथ ही शहद में पाए जाने वाला विटामिन और शुगर शरीर के भीतर जाते ही कुछ ही समय में घुल जाता है। बच्चों की खांसी दूर करने के लिए अदरक के रस में शहद मिलाकर देने से खांसी में आराम मिलता है। सूखी खांसी में भी शहद और नींबू का रस लेने से फायदा होता है।
जी मिचला रहा हो या फिर उल्टी आने की शिकायत हो तो शहद लेना चाहिए। यदि आप वजन बढ़ाना चाहते हैं तो रात में दूध में शहद डालकर पीएं। मांसपेशी मजबूत करनी हो, रक्तचाप नॉर्मल करना हो या हीमोग्लाबिन बढ़ाना हो तो भी शहद का सेवन लाभकारी है।
यदि आप थकान महसूस करते हैं या फिर आपको एनीमिया है तो भी आप नियमित रूप से शहद का सेवन कर इस बीमारी को दूर कर सकते हैं। आप यदि गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिलाकर सुबह खाली पेट लेंगे तो कुछ ही समय में आप अपना वजन कम होते हुए देख सकते हैं। जुकाम दूर करने के लिए शहद, अदरक और तुलसी के पत्तों का रस बराबर मात्रा में मिलाकर चाटने से राहत मिलती है। इतना ही नहीं यदि आपको ठीक तरह से नींद नहीं आती तो रात को दो चम्मच शहद खाकर सोना लाभकारी होता है।
शहद में एंटी बैक्टीरियल मौजूद होते हैं जो पेट में किसी भी तरह के संक्रमण को दूर करने में मदद करते हैं और पाचन क्रिया को दुरूस्त रखते है।
इसमें ऐसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं।
शहद में एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल तत्व मौजूद होते हैं जो त्वचा को निखारने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह एक्ने से भी बचाता है।
Tuesday, 27 November 2018
Messator Muscle
What would happen if people just couldn’t shut their mouth when they are supposed to?????
the human body has a specific group of muscles called masticatory muscles.
made for this function chewing .
Many muscles of the head and neck participate in the chewing process, but in the group of main masticatory muscles, only the following are listed:
1: Masseter muscle
2: Temporal muscle
3: Lateral pterygoid muscle
The strongest muscle based on its weight is the masseter. The main function of the masseter muscle is to help a person bite down or chew. Specifically, this muscle helps to pull the lower jaw upward.
Monday, 26 November 2018
Sunday, 25 November 2018
To Know About Osteoarthritis
Osteoarthritis,
occurs most often in older people, although it can occur in adults of any age.
it is also known degenerative joint disease, degenerative arthritis, and wear-and-tear arthritis.
which is why age is one of the main causes of the joint damage leading to osteoarthritis???
the more wear and tear you’ve had on your joints.
Other causes of joint damage is :-
torn cartilage
dislocated joints
ligament injuries
They also include joint malformation, obesity, and poor posture. Osteoarthritis is the most common chronic (long-lasting) joint condition.
A joint is where two bones come together. The ends of these bones are covered with protective tissue called cartilage. With OA, this cartilage breaks down, causing the
bones within the joint to rub together. This can cause pain, stiffness, and other symptoms.
Initially, symptoms may occur only following exercise, but over time may become constant.
Other symptoms may include joint swelling, decreased range of motion, and, when the back is affected, weakness or numbness of the arms and legs. Usually the symptoms come on over years. It can affect work and normal daily activities.
osteoarthritis affects the articular cartilage at the synovial joint. it is a degenerative joint disease...
Osteoarthritis is believed to be caused by mechanical stress on the joint and low grade inflammatory processes. It develops as cartilage is lost and the underlying bone becomes affected.
Diagnosis is typically based on signs and symptoms, with medical imaging and other tests occasionally used to either support or rule out other problems.
Saturday, 24 November 2018
Friday, 23 November 2018
Thursday, 22 November 2018
जोड़ व हड्डी रोग
शरीर के जिस भाग पर हडि्डयां आपस में जुड़ी रहती हैं उस अंग को जोड़ कहते हैं। यदि इन जोड़ों में किसी प्रकार का रोग हो जाता है तो उसे जोड़ों का रोग कहते हैं।
इन हडि्डयों को कैल्शियम तथा फास्फोरस तत्व मजबूत बनाते हैं। अगर इन तत्वों की शरीर में
कमी हो जाती है तो शरीर की हडि्डयां कमजोर हो जाती हैं जिसके कारण जोड़ों का रोग हो सकता है।
मनुष्य की खोपड़ी की bone और कान में ossicles की bone को छोड़कर शरीर की बाकी सब हडि्डयों के joint movement कर सकती हैं।
ARTHRITIS = आर्थराइटिस एक term हैं जिसका मतलब any disorder से हैं , जो joints को affects करती हैं। इसका symptoms (लक्षण ) generally joint pain और stiffness हैं। पर दूसरे और भी लक्षण हो सकते हैं , जैसे - redness , warmth , swelling , और motion के range को कम कर देती हैं।
arthritis बहुत तरह , पर उनमे से most common Osteoarthiritis और Rheumatoid arithritis हैं।
Osteoarithritis usually age के साथ होती हैं , जो fingers , knee और hips को effects करती हैं।
आर्थराइटिस की मुख्य वजह है ऑटो-इम्युनिटी जिसकी वजह से आपका शरीर खुद के जोड़ और लिगामेंट को ख़त्म करते हैं और व्यक्ति दर्द और अपंगता का शिकार हो जाता है. मेटाबोलिक उपचार से ऑटो-इम्युनिटी स्वतः ठीक हो जाता है. क्योंकि मेटाबोलिक उपचार आर्थराइटिस की वजह को ही ख़त्म कर देता है इसलिय इस उपचार से आर्थराइटिस से निजात पाया जा सकता है
Rheumatiod arithritis ,
एक autoimmune disorder हैं। जो हाथ और feet को effects करती हैं। ये synovial joints के synovial membrane में inflammation करती हैं। जब यही membrane , जो synovial fluid produces करती हैं। जब यही membrane inflamed हो जाती हैं , तब ये fluid जयादा produces करने लगती हैं जिसकी वजह से joints swells हो जाती हैं और बहुत pain होने लगती हैं उनमे।
TREATMENT ,
arithritis की treatment arithritis type पर depends करती हैं। and including :-
physical therapy
life style changes
medications
resting
applying ice or heat
weight loss
exercise
joint replacement
Wednesday, 21 November 2018
HEALTH CARE SELF CARE
क्या अपपको पता हैं , हम सुबह में अपनी पढाई को जयादा अच्छी तरह क्यों कर पाते हैं या जयादा याद रहती हैं? फिर चाहे वो पढाई हो या कोई और काम। ....
पुराने ज़माने के वक़्त जो ऋषि होते थे वो सभी सुबह 4 बजे ही उठा करते थे | और इसीलिए भी वो बुद्धिमान होते थे और उन्हें जयादा knowledges होती थी |
तो होता कुछ यु हैं की जान हम देर रात तक जाग कर काम करते हैं तो हमारे दिमाग को दुगनी मेहनत करनी पड़ती हैं , क्युकी हमारे दिमाग की जो तंत्रिका या जिसे neuron भी कहते हैं वो दिन भर काम करने की वजह से रात 11 बजते बजते 99 % तंत्रिका या Neuron थक जाते हैं या inactive हो जाते हैं जिसके वजह से actively
काम नहीं करते हैं उतनी , और सिर्फ 1 % एक्टिव रहते हैं जिस पर हम सारा भर दे देते हैं | अब ये तो जाहिर सी बात हैं की आप 1 % की active mode पर काम करोगे तो वो धीमी गति से तो काम होगी ही और मेहनत भी लगेगी ही पर अब ठीक इसका उल्टा सुबह के वक़्त होती हैं। सुबह के वक़्त सिर्फ 1 % तंत्रिका सोये या inactive रहते हैं और 99 % active mode में रहती हैं जिसकी वजह से हम कुछ भी पढ़ते हैं हमे फाटक से याद हो जाती हैं साथ ही साथ ये लम्बे समय तक याद भी रहती हैं। पर आज के समय हमे देर रात जागने की आदत लग चुकी हैं जिसकी वजह से हमारी सुबह ही देर से सुरु होती हैं , अब जब सुबह की शुरुआत ही देर से होगी तो दिन भी सारी काम भी late late ही जाएगी । इतना ही क्यों हमारे health पर भी तो असर पड़ता हैं नहीं!!!!!!!
क्या अपपको पता हैं , हम सुबह में अपनी पढाई को जयादा अच्छी तरह क्यों कर पाते हैं या जयादा याद रहती हैं? फिर चाहे वो पढाई हो या कोई और काम। ....
पुराने ज़माने के वक़्त जो ऋषि होते थे वो सभी सुबह 4 बजे ही उठा करते थे | और इसीलिए भी वो बुद्धिमान होते थे और उन्हें जयादा knowledges होती थी |
तो होता कुछ यु हैं की जान हम देर रात तक जाग कर काम करते हैं तो हमारे दिमाग को दुगनी मेहनत करनी पड़ती हैं , क्युकी हमारे दिमाग की जो तंत्रिका या जिसे neuron भी कहते हैं वो दिन भर काम करने की वजह से रात 11 बजते बजते 99 % तंत्रिका या Neuron थक जाते हैं या inactive हो जाते हैं जिसके वजह से actively
काम नहीं करते हैं उतनी , और सिर्फ 1 % एक्टिव रहते हैं जिस पर हम सारा भर दे देते हैं | अब ये तो जाहिर सी बात हैं की आप 1 % की active mode पर काम करोगे तो वो धीमी गति से तो काम होगी ही और मेहनत भी लगेगी ही पर अब ठीक इसका उल्टा सुबह के वक़्त होती हैं। सुबह के वक़्त सिर्फ 1 % तंत्रिका सोये या inactive रहते हैं और 99 % active mode में रहती हैं जिसकी वजह से हम कुछ भी पढ़ते हैं हमे फाटक से याद हो जाती हैं साथ ही साथ ये लम्बे समय तक याद भी रहती हैं। पर आज के समय हमे देर रात जागने की आदत लग चुकी हैं जिसकी वजह से हमारी सुबह ही देर से सुरु होती हैं , अब जब सुबह की शुरुआत ही देर से होगी तो दिन भी सारी काम भी late late ही जाएगी । इतना ही क्यों हमारे health पर भी तो असर पड़ता हैं नहीं!!!!!!!
human joint
human joint ,
एक joint या articulation(संधि) शरीर में हड्डियों के बीच का संपर्क होता है जो कंकाल प्रणाली को क्रियात्मक रूप में जोड़ देता है।
मानव जोड़ की दो हड्डियों का अंत एक साथ में आते हैं।जोड़ों को एक साथ पकड़ और अपने body के movementके लिए अनुमति देते हैं।अधिकांश जोड़ों में synovial joint होते हैं और synovial में fluid होता हैं जिसे synovial fluid कहते हैं , जो lubricate करती हैं। muscles और ligament body को movement aur stability प्रदान करते हैं.
गर्दन में hyoid की हड्डी को छोड़कर सभी हड्डियां joint बनाती हैं।
joint आमतौर पर उनके साथ जुड़े गति के अनुसार categorized होते हैं।जोड़ों में से कुछ joint fixed होते है। जैसे खोपड़ी में, जो कोई movement allowed नहीं करती हैं।
कुछ दूसरे और joint होते हैं जैसे spine के vertebra के बीच limited movement allowed करती हैं।
joint 3 types की होती हैं ,
*FIBROUS JOINT
3. PIVOT JOINT = ये rotational way में movement करती हैं , और ये हमारे spinal vertebra की 1st (atlas) और 2nd (axis ) की bone में पाई जाती हैं।
एक joint या articulation(संधि) शरीर में हड्डियों के बीच का संपर्क होता है जो कंकाल प्रणाली को क्रियात्मक रूप में जोड़ देता है।
मानव जोड़ की दो हड्डियों का अंत एक साथ में आते हैं।जोड़ों को एक साथ पकड़ और अपने body के movementके लिए अनुमति देते हैं।अधिकांश जोड़ों में synovial joint होते हैं और synovial में fluid होता हैं जिसे synovial fluid कहते हैं , जो lubricate करती हैं। muscles और ligament body को movement aur stability प्रदान करते हैं.
गर्दन में hyoid की हड्डी को छोड़कर सभी हड्डियां joint बनाती हैं।
joint आमतौर पर उनके साथ जुड़े गति के अनुसार categorized होते हैं।जोड़ों में से कुछ joint fixed होते है। जैसे खोपड़ी में, जो कोई movement allowed नहीं करती हैं।
कुछ दूसरे और joint होते हैं जैसे spine के vertebra के बीच limited movement allowed करती हैं।
joint 3 types की होती हैं ,
*FIBROUS JOINT
*CARTILAGINOUS JOINT
*SYNOVIAL JOINT
FIBROUS JOINT , immovable joint होती हैं जो हमारे brain के sutures में होती हैं।
cartilaginous joint , little movement को allowed करती हैं। ये 2 vertebra के बीच में पाई जाती हैं।
SYNOVIAL JOINT , 6 types की होती हैं ,
1 . BALL AND SOCKET JOINT = इसमें maximum moveablity होती हैं , और ये shoulder और hip joint में पाई जाती हैं।
2. HINGE JOINT = ये 180 degree पर movement करती हैं , और ये हमारे elbow और knee में पाई जाती हैं।
3. PIVOT JOINT = ये rotational way में movement करती हैं , और ये हमारे spinal vertebra की 1st (atlas) और 2nd (axis ) की bone में पाई जाती हैं।
4 . SADDLE JOINT = ये back forward और right left movement allowed करती हैं। ये हमारे हाथ की finger में पाई जाती हैं metacarpo और phalangeal में।
5. ELLIPSOID JOINT =
6. GLIDING JOINT = ये हमारे fingers पाई जाती हैं। carpal के बीच में।
Monday, 19 November 2018
HUMAN SKELETAL STRUCTURE
इंसान के शरीर में हड्डी (Bone) का बहुत बड़ा रोल होता है. जिसके सहारे ही बॉडी का आकार बनता है. किसी का शरीर सुंदर तो किसी का बेढंग सा होता है ये सब हड्डियों के ढांचे की वजह से होता है. बॉडी में मसल्स कंकाल पर ही होते हैं जिसके मिलने से ही इंसान का शरीर कोई आकार मिल पाता है.हड्डियां कैल्शियम, फास्फोरस, सोडियम और दूसरे खनिजों, प्रोटीन कोलेजन के रूप में बनी होती है. हड्डी कैल्शियम और आयरन को स्टोर करती हैं।
जवान इंसान के शरीर में 206 हड्डियां पाई जाती है लेकिन बच्चे के शरीर में करीब 300 हैं. जैसे ही बच्चे की उम्र बढ़ती है उसकी हड्डियां वैसे-वैसे कम होती जाती हैं. कुछ हड्डियां गल जाती हैं. इंसान के शरीर में हड्डियों का वजन हमारे शरीर के वजन का करीब 15 प्रतिशत होता है. जिसमें लगभग 31% पानी और बाकी की ठोस पदार्थ से मिलकर बनी होती है. ज्यादातर हड्डियां बीच से खोखली होती है. हड्डियों के बीच में एक जैली होती है, जिसे बोनमैरो (bone marrow) कहते हैं. शरीर में की कुल 206 हड्डियों में से हाथ में 30-30 और पैर में 30-30 हड्डियां होती है. शरीर में सबसे छोटी और हल्की हड्डी कान के अंदर मौजूद स्टेपीज (stapes) होती है. खोपड़ी (skull) एक तरह का सुरक्षा बॉक्स है, जिसमें ब्रेन सुरक्षित रहता है. यह 28 हड्डियों से बनता है. खोपड़ी की सभी हड्डियां आपस में जुड़ी होती हैं।
Backbone या रीढ़ की हड्डी (Spinal Cord) खड़ा होने और बैलेंस बनाए रखने में मदद करती है। यह छोटी-छोटी 26 (33 )हड्डियों से मिलकर बनती है. चेस्ट की 24 पसलियां (Ribs) हार्ट, लंग्स जैसे अंगों के चारों ओर ढाल बनकर रक्षा करती है। चेस्ट की पसलियां आगे से ब्रेस्टबोन से जुड़ी होती हैं और पीछे से स्पाइनल कोर्ड बैकबोन से जुड़ी होती है। इंसानी गर्दन में 7 हड्डियां होती है. मानव शरीर में गले की हाइयोड (Hyoid) नाम की 'वी' (V) के आकार की अकेली ऐसी हड्डी है, जो किसी दूसरी हड्डी से जुड़ी हुई नहीं होती है। बाजू की हड्डियां सबसे अधिक टूटती है। वयस्कों में 'टूटने वाली हड्डियों में लगभग आधी बार ये हड्डियां ही टूटती हैं। जबकि बच्चों में सबसे अधिक टूटने वली हड्डी कॉलरबोन होती. है। दुर्घटनाओं में भी आमतौर पर जबड़े की हड्डी सबसे कम टूटती है। मनुष्य की जांघों की हड्डियां कंक्रीट से भी ज्यादा मजबूत होती हैं। मानव शरीर की सबसे बड़ी और मजबूत हड्डी 'फीमर' होती है। यह हड्डी जांघ में होती है।
Sunday, 18 November 2018
human skeletal system
हमारा शरीर 206 हड्ड़ी से मिल कर बना हुआ हैं। पर इसमें एक और बात हैं ज आपको पता होना चाहिए। हमरे जन्म के समय हमारे body में 206 bone नई 300 bone होती हैं जो समय तक में 94 bone diffused हो जाती हैं और सिर्फ 206 bone ही होते हैं शरीर में। ये 206 bones हमारे शरीर में अलग अलग बाटे हुए होते हैं।
Sunday, 4 November 2018
Impotant dates and days of science and GK
Leprosy day = 30 Jan.
world cancer Day = 4 th Feb. 
National science Day = 28th Feb.
International Women's Day = 8th March.
World Forest Day = 21th March.
Tuberculosis Day = 24th March.
world health day = 7 april
earth day = 22 april
World biodiversity day = 22 may
World environmental day = 5 june
International day against drugs = 26 june
Doctor day = 1 july
Van mahotsav day = 7 july
World population day = 11 july
Malaria day = 29 august
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