थाइराइड ग्रंथि से थाइराइड हार्मोन पैदा होता है। थाइराइड की स्थिति में जब थाइराइड हार्मोन अधिक बनता है तो उस स्थिति को हाइपर-थाइरॉइडिस्म कहा जाता है।
हाइपरथायरायडिज्म वह स्थिति है जो थायराइड ग्रंथि द्वारा थायरॉइड हार्मोन के अत्यधिक उत्पादन के कारण होती है ।लक्षण आमतौर पर पुराने और pregnancy के दौरान कम होते हैं।
महिलाओं को ज्यादा रहती है थाइराइड की समस्या। वजन का बढ़ना,अवसाद आदि होते है इसके लक्षण।ये शरीर मे आयोडीन की कमी से भी हो सकता है।
हाइपरथाइरोइडिज़्म के लक्षण धीमे शुरु होते हैं, इनमें:
वजन में गिरावटअत्यधिक पसीना आना
नीद में बाधा या इनसोम्निया
चिढ़चिढ़ापन अथवा निराशा
मांसपेशियों की कमजोरी
अनियमित, हलकी माहवारी
थाइरोइड ग्रंथि का बड़ा होना
दिखाई देने में परेशानी या फूली आँखें
गर्मी के प्रति संवेदनशीलता
तेज या अनियमित हृदयगति
कमजोर, भुरभुरी हड्डियाँ या ओस्टियोपोरोसिस
बाल झड़ना
शौच की अधिकता
हाइपरथाइरोइडिज़्म के कई कारण हैं, जिनमें
आयोडीन का अत्यधिक सेवनथाइरोइड ग्रंथि और पीयूष ग्रंथि (पिट्यूटरी) की कैंसरविहीन वृद्धि
टीएसएच का असामान्य स्राव
hyperthyroidism के अन्य कारणों में:-
multinodular goiter,toxic adenoma,
inflammation of the thyroid,
eating too much iodine,
and too much synthetic thyroid hormone
है।
diagnosis or pathology पर लक्षणों और लक्षणों के आधार पर संदेह हो सकता है , blood test साथ पुष्टि की जा सकती है।
आम तौर पर blood test में:
low thyroid stimulating hormone (TSH)और raised T3 or T4 होती है।
3 main treatment options:-
1- radioiodine therapy,2-medications,
3- thyroid surgery.
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