Friday, 7 December 2018
Thursday, 6 December 2018
Hyperthyroidism
थाइराइड ग्रंथि से थाइराइड हार्मोन पैदा होता है। थाइराइड की स्थिति में जब थाइराइड हार्मोन अधिक बनता है तो उस स्थिति को हाइपर-थाइरॉइडिस्म कहा जाता है।
हाइपरथायरायडिज्म वह स्थिति है जो थायराइड ग्रंथि द्वारा थायरॉइड हार्मोन के अत्यधिक उत्पादन के कारण होती है ।लक्षण आमतौर पर पुराने और pregnancy के दौरान कम होते हैं।
महिलाओं को ज्यादा रहती है थाइराइड की समस्या। वजन का बढ़ना,अवसाद आदि होते है इसके लक्षण।ये शरीर मे आयोडीन की कमी से भी हो सकता है।
हाइपरथाइरोइडिज़्म के लक्षण धीमे शुरु होते हैं, इनमें:
वजन में गिरावटअत्यधिक पसीना आना
नीद में बाधा या इनसोम्निया
चिढ़चिढ़ापन अथवा निराशा
मांसपेशियों की कमजोरी
अनियमित, हलकी माहवारी
थाइरोइड ग्रंथि का बड़ा होना
दिखाई देने में परेशानी या फूली आँखें
गर्मी के प्रति संवेदनशीलता
तेज या अनियमित हृदयगति
कमजोर, भुरभुरी हड्डियाँ या ओस्टियोपोरोसिस
बाल झड़ना
शौच की अधिकता
हाइपरथाइरोइडिज़्म के कई कारण हैं, जिनमें
आयोडीन का अत्यधिक सेवनथाइरोइड ग्रंथि और पीयूष ग्रंथि (पिट्यूटरी) की कैंसरविहीन वृद्धि
टीएसएच का असामान्य स्राव
hyperthyroidism के अन्य कारणों में:-
multinodular goiter,toxic adenoma,
inflammation of the thyroid,
eating too much iodine,
and too much synthetic thyroid hormone
है।
diagnosis or pathology पर लक्षणों और लक्षणों के आधार पर संदेह हो सकता है , blood test साथ पुष्टि की जा सकती है।
आम तौर पर blood test में:
low thyroid stimulating hormone (TSH)और raised T3 or T4 होती है।
3 main treatment options:-
1- radioiodine therapy,2-medications,
3- thyroid surgery.
Tuesday, 4 December 2018
Thyroid hormone
थाइराइड ग्रंथि से thyroid hormone पैदा होता है। यह gland शरीर की हर cell, body organ और tissue पर प्रभाव डालती है। साथ ही साथ, यह शरीर का तापमान, शरीर का वजन, heart rate, digestion, ऊर्जा सबको नियंत्रित करती है।
यह gland Tetraiodothyronine ( T4) और Triiodothyronine (T3) बनाती है, जो दो प्राथमिक हार्मोन हैं।
hyperthyroidism आपके शरीर की Metabolism में तेजी ला सकता है, जिससे अचानक वजन घटना, तेज़ या अनियमित दिल की धड़कन, पसीना आना और घबराहट या चिड़चिड़ापन हो सकते हैं। hyperthyroidism का सबसे आम कारण ग्रेव्स बीमारी, male की तुलना में female में अधिक प्रचलित है।
थायराइड के प्रकार -
थाइराइड की स्थिति में जब बनता है तो उस स्थिति को hyperthyroidism कहा जाता है
थाइराइड की स्थिति में thyroid hormone(थाइरॉक्सिन) ज्यादा पैदा करती है।यह gland Tetraiodothyronine ( T4) और Triiodothyronine (T3) बनाती है, जो दो प्राथमिक हार्मोन हैं।
थायरॉयड ग्रंथि इन हार्मोनों के रिलीज के माध्यम से आपके चयापचय (Metabolism) को नियंत्रित करती है।
थायरॉयड तब बढ़ता है जब थायरॉयड ग्रंथि T4, T3 या दोनों हार्मोन बहुत ज़्यादा बनाती है।
hyperthyroidism आपके शरीर की Metabolism में तेजी ला सकता है, जिससे अचानक वजन घटना, तेज़ या अनियमित दिल की धड़कन, पसीना आना और घबराहट या चिड़चिड़ापन हो सकते हैं। hyperthyroidism का सबसे आम कारण ग्रेव्स बीमारी, male की तुलना में female में अधिक प्रचलित है।
थायराइड के प्रकार -
1:- Hypothyroidism; थायराइड कम होना
2:- Hyperthyroidism; थायराइड बढ़ना
Sunday, 2 December 2018
एक चम्मच नमक फायदे
जिस तरह से चीनी भी मिठास के साथ आपको नुकसान पहुंचाती है, वैसे ही नमक भी आपके लिए घतक होता है। खास तौर से सफेद नमक तो बेहद नुकसानदायक है।
रक्तचाप का सीधा संबंध नमक से होता है। इसका अधिक सेवन भी रक्तचाप के लिहाज से नुकसानदायक है और कम सेवन भी। बहुत ज्यादा नमक खाने से नसों को नुकसान होता है, इससे यूरिक एसिड बढ़ जाता है और यूरीन में एल्ब्यूमिन आने लगता है। जिससे ब्लड प्रेशर के बढ़ने की आशंका होती है।
जो जितना ज्यादा सोडियम का सेवन करता है उनमें उतना ही अधिक यूरिक एसिड व एल्ब्यूमिन समय के साथ बढ़ता है।
क्या आप जानते हैं कि नमक सिर्फ खाने में स्वाद ही नहीं बढ़ाता बल्कि हमारी हड्डियों, पसीने और आंसू में भी नमक होता है। नमक सेहत के साथ भी वही करता है जो स्वाद के साथ। जब नमक की मात्रा हमारे शरीर में आवश्यकता से अधिक हो जाती है तो यह हमारे लिए जानलेवा हो जाता है। हड्डियों के लिए नमक अति आवश्यक है क्योंकि नमक में आयोडीन होता है, जो हमारी हड्डियों को ताकत देता है। लेकिन खाने में नमक की अधिकता से टखने में सूजन और मोटापे की समस्या बढ़ती है। इसके कारण हड्डियां पतली होने लगती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी बढ़ जाता है।
ज्यादा नमक खाने से ब्लड में आयरन की मात्रा कम हो जाने से पेट में एसिडिटी बढ़ जाती है। इससे भूख नहीं लगने पर भी भूख का एहसास होता है। जिससे ज्यादा कैलोरी शरीर में जाती है और हम मोटापे का शिकार हो जाते है।
अधिक नमक खाने से हाइपरटेंशन और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है। और लगातार हाइपरटेंशन के बने रहने से हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी की बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती हैं।
खाने में नमक की अधिक मात्रा से शरीर की कोशिकाओं का क्षय होता है और आप समय से पहले ही बूढ़े हो जाते हैं। जबकि खाने में नमक की कम मात्रा कोशिकाओं की एजिंग प्रोसेस को धीमी कर देती है।
अपने भोजन में अधिक नमक खाने वाले लोग थोड़ा सावधान हो जाएं क्योंकि उनकी यह आदत उन्हें गुर्दे की पथरी जैसी खतरनाक बीमारी का शिकार बना सकती है।
नमक कई प्रकार के होते हैं: सेंधा नमक (पहाड़ी नमक), समुद्री नमक, काला नमक, सामान्य नमक आदि।
गले में खराश कई कारणों की वजह से हो सकती है जैसे आम सर्दी, ड्राई एयर, अत्यधिक चिल्लाना या गले के संक्रमण आदि, किंतु नमक के साथ इसका इलाज किया जा सकता है।
अगर आपके पैरो की उंगलियों, एड़ी, टखने में दर्द हो रहा है तो आप नमक के साथ इस प्रकार के दर्द को कम कर सकते हैं। साल्ट थके हुए पैरों को भी शांत करने मदद करता है।
साल्ट भी एक बहुत अच्छा टूथपेस्ट का विकल्प है, जो आप अपने दांतों को साफ और बैक्टीरिया से मुक्त रखने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
नमक आमतौर से हमारे खाने में इस्तेमाल होता है। पर क्या आप जानते हैं कि नमक केवल हमारे भोजन के लिए ही नहीं परंतु हमारी त्वचा और चेहरे के लिए भी बहुत उपयोगी है।
बिना उबले दूध को चेहरे पर लगाकर सूखने दें। फिर नमक से धीरे-धीरे चेहरे को रगड़ें ताकि दूध उतर जाए। इससे आपका चेहरा एकदम से दमक जाएगा।
दस्त होने पर नमक कोग्लूकोज पानी में घोलकर बार-बार पिलाते रहने से शरीर में पानी की कमी नहीं आती!
Saturday, 1 December 2018
सेब फल स्वास्थ्य जागरूक
सेब
स्वादिष्ट , पौष्टिक और एक मुट्ठी भी डॉक्टर को दूर रखने में मदद कर सकते हैं ! सेब केवल स्वादिष्ट ही नहीं होता है।इसके अंदर कई सारे तत्व भी मौजूद होते हैं। जो हमारे शरीर को पोषण प्रदान करते हैं। शरीर के अंदर आवश्यक पदार्थें की भी पूर्ति करते हैं।
एनिमिया के अंदर इंसान मे खून की कमी हो जाती है। और शरीर के अंदर खून नहीं बनता है। हिमोग्लोबिन की भी कमी आ जाती है। सेब के अंदर आयरन होता है। जिससे बोड़ी के अंदर हिमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ जाएगी । यदि रोज सेब खा नहीं सकते तो सप्ताह के अंदर एक बार अवश्य खाएं ।
सेब हर्ट के लिए भी काफी फायदे मंद है। हर्ट मे oxidation से होने वाली क्षति को कम करता है। यह शरीर के अंदर कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा को कंट्रोल करता है। यह शुगर की मात्रा को भी कम करता है हर्ट के अंदर अच्छे से खून का प्रवाह बनाए रखने के लिए भी सेब फायदे मंद है।
आपका वजन तेजी से बढ़ रहा है। तो आपको रोजाना सेब का सेवन करना चाहिए । जिससे आपका वजन कम होगा ।
सेब का सेवन करने से अल्जाइमर रोग होने की संभावना कम हो जाती है। और यादाश्त भी अच्छी बनी रहती है। यह दिमागी कोशिकाओं को स्वस्थ बनाता है। और दिमाग के अंदर खून का प्रवाह सही करता है।
प्रतिदिन सेब का सेवन करने पाचन सही से होता है। और खून भी शरीर के अंदर सही तरह से दौरा करता है।
सेब इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है, सेब शरीर के अंदर पाए जाने वाले बैक्टिरिया को खत्म करता है। सेब के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का गुण भी पाया जाता है ।
सेब के अंदर विटामिन ए पाया जाता है। जो आंखों की रोशनी को बढ़ाने मे मददगार है। जिन लोगों की आंखों की रोशनी कमजोर हो चुकी हैं। उनको सेब का सेवन करना चाहिए ।
यह कई स्वास्थ्य संबंधी समस्या जैसे हृदय रोग, पेट खराब, लिवर का विकार, कब्ज, एनीमिया और शुगर की रोकथाम करने में मदद करता है। यह आंख की समस्या, विभिन्न प्रकार के कैंसर, गठिया, अल्जाइमर रोग और पार्किंसंस रोग के जोखिम को भी कम करता है।
सेब दांत और त्वचा की देखभाल में भी सहायता करता है। सेब फैट फ्री, सोडियम फ्री, और कोलेस्ट्रॉल फ्री होता है। सेब में एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर, विटामिन सी, और विटामिन बी पाया जाता है जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
सुबह के समय में सेब खाना सबसे फायदेमंद होता है क्योंकि सेब फाइबर और पेक्टिन में समृद्ध होते हैं। अधिकतर लोगों को अनुचित नींद या देरी से खाना खाने की आदतों के कारण पाचन की समस्याएं होती हैं। इसलिए सुबह के वक़्त सेब खाने से आपका पाचन तंत्र बेहतर रहता है।
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